Right To Repair: आज के आधुनिक समय में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के बगेर जीवन जीना नामुमकिन सा हो गया हैं बढ़ते इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के उपयोग के बीच एक बहुत बड़ी समस्या भी ग्राहकों को परेशान करती है की जब भी एक निश्चित अवधि के दौरान यह उपकरण खराब हो जाता है तो उसे निर्माता से ही ठीक करवाना होता है नहीं तो उस उपकरण की वारंटी खत्म हो जाती थी। इसी परेशानी का हल है Right To Repair राइट टू रिपेयर।
इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के खराब हो जाने के बाद से उसे ठीक करवाने के लिए ग्राहकों को उसे निर्माता से ही ठीक करवाना होता है नहीं तो उस उपकरण की वारंटी खत्म हो जाती थी। किन्तु सर्विस सेंटर से अपने उपकरण को ठीक करवाना भी कोई आसान काम नहीं होता है क्युकी कई बार तो ग्राहक सर्विस सेंटर के चक्कर काट-काटकर इतने परेशान हो जाते हैं कि वो पुराने सामान को छोड़ नया ही लेने में अपनी भलाई समझते हैं।और अगर उपकरण सही भी के देते है तो अक्सर सर्विस सेंटर वाले रिपेयरिंग और स्पेयर्स के लिए अनाप-शनाप चार्ज करते हैं।
राइट-टू-रिपेयर | Right To Repair:
ग्राहकों की इस परेशानी का सरकार ने एक हाल निकाला है ‘राइट टू रिपेयर’ (Right to Repair Act India) । ‘राइट-टू-रिपेयर’ एक ऐसे अधिकार अथवा कानून सरकार ने बनाया है, जिसका उद्देश्य ग्राहकों को अपने स्वयं के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की मरम्मत करना और उन्हें संशोधित करने की अनुमति देना है, इसके तहत मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को ‘राइट टू रिपेयर’ पोर्टल पर अपने उत्पाद व उसमें इस्तेमाल होने वाले पार्ट्स की विस्तृत जानकारी के साथ उनके रिपेयर की सुविधा के बारे में बताने के लिए कहा गया है।
Right To Repair | राइट-टू-रिपेयर में चार सेक्टर के प्रोडक्ट को किया शामिल :
सरकार ने राइट टू रिपेयर की नीति के तहत चार क्षेत्रों के प्रोडक्ट को शामिल किया है। इनमें फार्मिंग के उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, टिकाऊ वस्तुएं और ऑटोमोबाइल उपकरण शामिल हैं।ऐसे में देखा जाए तो सरकार ने वाटर पंप मोटर, ट्रैक्टर पार्ट्स ,हार्वेस्टर ,मोबाइल फोन, लैपटॉप , डेटा स्टोरेज सर्वर, प्रिंटर, हार्डवेयर व टीवी, फ्रिज, गिजर, मिक्सर, ग्राइंडर, यात्री वाहन, कार, दोपहिया व इलेक्ट्रिक वाहन जैसी चीजों को इसमें शामिल किया है।
Right To Repair | राइट-टू-रिपेयर की कुछ शर्ते :
बाहर से प्रोडक्ट की मरम्मत करवाने लिए आपको ‘राइट टू रिपेयर’ की कुछ शर्तों का भी पालन करना होगा। सबड़े पहले आपको यह ध्यान रखना होगा की बाहर से मरम्मत करवाते समय अपने डिवाइस में ओरिजिनल पार्ट्स का ही इस्तेमाल करें। अगर आप डुप्लीकेट पार्ट्स का इस्तेमाल करेंगे तो वारंटी खत्म हो जाएगी।
Right To Repair | राइट-टू-रिपेयर पोर्टल:
सरकार ने ग्राहकों के लिए राइट टू रिपेयर पोर्टल भी लॉन्च कर दिया है। इस पोर्टल पर ग्राहकों को रिपेयर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। इस पोर्टल पर ग्राहक पुराने पार्ट्स और उसकी कीमत के बारे में भी पता कर सकते हैं। इससे कंपनी आपसे एक्स्ट्रा पैसे भी नहीं ले सकेगी।
Right To Repair | राइट-टू-रिपेयर के फायदे :
- पहले जब कोई भी ग्राहक बाहर से किसी डिवाइस को ठीक करवाता था तो उसकी वारंटी खत्म हो जाती थी, लेकिन इस ‘राइट टू रिपेयर पॉलिसी के तहत अब ऐसा नही हो सकेगा। यानि कंपनी आपको अपने सर्विस सेंटर पर प्रोडक्ट ठीक कराने के लिए मजबूर नहीं कर सकती है। आप बाहर से भी पार्ट लेकर अपने डिवाइस को ठीक करवा सकते हैं।
- यह छोटी मरम्मत की दुकानों के लिये व्यापार को बढ़ावा देने में मदद करेगा, जो स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।
- राइट टू रिपेयर से मरम्मत की लागत कम हो सकती है इससे उपभोक्ताओं का पैसा बचेगा।
- अक्सर, टूटे हुए उपकरणों को कचरे के रूप में फेंक दिया जाता है, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। राइट टू रिपेयर मरम्मत को प्रोत्साहित करके और कचरे को कम करके पर्यावरण संरक्षण में योगदान कर सकता है।
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