Arvind Kejriwal को क्या मिल पाएगी जमानत? क्या है PMLA जिसके तहत हुई अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को E D (प्रवर्तन निदेशालय ) ने PMLA के तहत गिरफ्तार किया है PMLA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) कानून 2002 में बनाया गया था इस कानून के तहत गिरफ्तार व्यक्ति को जमानत मिलना बमुश्किल होता है। इस कानून के तहत आम आदमी पार्टी के तीन मंत्री पहले से ही सजा काट रहे हैं।

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को E D (प्रवर्तन निदेशालय ) ने 21 मार्च की रात को गिरफ्तार कर लिया है । अरविंद केजरीवाल से पूछताछ के लिए आज E D विशेष PMLA अदालत से उनकी हिरासत की मांग करेगी। बता दें कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाले मे हुई मनी लॉन्ड्रिंग के मामले मे में ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (PMLA) के तहत गिरफ्तार किया। इस कानून के तहत गिरफ्तार व्यक्ति को जमानत मिलना बमुश्किल होता है।

क्या होती है मनी लॉन्ड्रिंग:

मनी लॉन्ड्रिंग को आसान शब्दों मे कहे तो गैर-कानूनी तरीकों से कमाए गए धन को छिपाने और उस काले धन को सफेद धन में बदलने की अवैध प्रक्रिया को ही मनी लॉन्ड्रिंग कहा जाता है और इस प्रकार के धन की हेरा-फेरी करने वाले को लाउन्डर कहा जाता है।

PMLA के तहत जमानत मिलना होता है मुश्किल:

PMLA का यह कानून 2002 में बनाया गया था और 1 जुलाई 2005 को लागू किया गया था। इस कानून को मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिए बनाया गया था PMLA( प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट ) के अंतर्गत अपराधों की जांच की जिम्मेदारी प्रवर्तन निदेशालय के पास होती है।

क्या कहता है यह कानून:

PMLA की धारा 45 के तहत जमानत मिलना बहुत मुश्किल होता है। इस धारा के आरोपी व्यक्ति के लिए अपनी जमानत या रिहाई कराना बहुत ही चुनौतीपूर्ण हो जाता है। क्युकी PMLA के तहत सभी अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती हैं, जिनमें अग्रिम जमानत का कोई प्रावधान नहीं है।

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