अरविंद केजरीवाल(arvind kejriwal)और हेमंत सोरेन(hemant soren)पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार?

झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को जमीन घोटाले से जुड़े मामले में सात बार और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब नीति मामले में  ईडी की तरफ से तीन बार नोटिस दिया जा चुका है लेकिन फिर भी दोनों मुख्यमंत्रियों ने ईडी के सामने पेश होने से इनकार कर दिया है ऐसे में क्या दोनों मुख्यमंत्रियों के ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है?

हेमंत सोरेन को कब और कितने नोटिस मिले ?

हेमंत सोरेन

ईडी ने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को जमीन घोटाले से जुड़े मामले में अब तक सात बार नोटिस भेजा है, लेकिन वह कभी भी ईडी के सामने पेश नहीं हुए हैं। हेमंत सोरेन को 14 अगस्त 2023 को पहला नोटिस भेजा गया था फिर 24 अगस्त, 2023 को दूसरा नोटिस , तीसरा 9 सितंबर, 2023 को चौथा नोटिस 23 सितंबर, 2023 को पांचवा नोटिस चार अक्टूबर, 2023 को छठा नोटिस 12 दिसंबर, 2023 को और सातवां नोटिस 29 दिसंबर, 2023 को भेजा गया था।

अरविंद केजरीवाल को कब और कितने नोटिस मिले ?

अरविंद केजरीवाल

 ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब नीति मामले में अब तक तीन बार नोटिस भेजा है। अरविंद केजरीवाल को 2 नवंबर  2023 पहला नोटिस भेजा गया था | 21 दिसंबर 2023 को दूसरा और 3 जनवरी 2024 को तीसरी बार नोटिस भेजा गया था |

दोनों मुख्यमंत्रियों के पास क्या है विकल्प ?

प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए ,PMLA) की धारा-19 के तहत ईडी को अधिकार है कि तीन बार नोटिस के बाद भी अगर कोई पेश नहीं होता है तो एजेंसी उसे गिरफ्तार कर सकती है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट का इसपर कहना है कि ईडी के नोटिस के बावजूद पूछताछ के लिए आरोपित उसके साथ सहयोग नहीं कर रहा है तो सिर्फ इस आधार पर उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकती है।

अरविंद केजरीवाल और हेमंत सोरेन-2

दोनों मुख्यमंत्रियों ने इन नोटिसों के जवाब में ईडी को पत्र लिखकर दिया है ईडी के नोटिस पर हेमंत सोरेन ने  उसे गैरकानूनी बताया है और कहा कि नोटिस के जरिए उनकी राजनीतिक छवि खराब की जा रही है। साथ ही राज्य में  उनकी सरकार को स्थिर करने की कोशिश हो रही है।

अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने कहा कि ईडी के नोटिस के जरिए उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने से रोका जा रहा है। उनकी पार्टी ने यह भी आरोप लगाई है कि केजरीवाल को गिरफ्तार करने की साजिश भी रची जा रही है।

दोनों ही मुख्यमंत्रियों की पार्टी ने केंद्रीय एजेंसी पर इसके दुरुपयोग के आरोप लगाए हैं। आम आदमी पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं द्वारा केंद्र सरकार पर ईडी को हथियार की तरह इस्तेमाल करने के आरोप लगाए जा रहे हैं।

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