केंद्र सरकार के होम मिनिस्ट्री की ओर से नए आपराधिक कानूनों पर शनिवार को नोटिफिकेशन जारी कर कहा गया है कि तीनों क्रिमिनल लॉ 1 july 2024 से लागू हो जाएंगे। आईपीसी, सीआरपीसी और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह बनाए गए तीनों नए कानून को 1 july 2024 से अमल में लाने के लिए नोटिफाई कर दिया है। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य एक्ट को 1 july 2024 से लागू किया जाएगा
केंद्र सरकार द्वारा इसे संसद से 21 दिसंबर को पास कराया गया था उसके बाद से यह चर्चा चल रही थी कि कब तक इसको लागू किया जाएगा । लेकिन नोटिफिकेशन में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने भारतीय न्याय संहिता की धारा-106 (2) को फिलहाल होल्ड कर दिया है यानी धारा-106 (2) फिलहाल लागू नहीं होगा यह प्रावधान हिट एंड रन से जुड़े अपराध से जुड़ा हुआ है। इस प्रावधान के विरोध में जनवरी के पहले हफ्ते में देश भर में ड्राइवरों ने हड़ताल की थी जिसके बाद केंद्र सरकार ने आश्वासन दिया था कि इस कानून को ड्राइवर यूनियन से चर्चा के बाद अमल में लाया जाएगा।
जाने क्या है हिट एंड रन से जुड़ा कानूनी प्रावधान
भारतीय न्याय संहिता की धारा-106 (1) और (2) के प्रावधान को समझते हैं कि आखिर क्या कहता है प्रावधान। धारा-106 (1) के तहत कहा गया है कि अगर कोई लापरवाही से गाड़ी चलाता है तो होने वाली मौत का मामला गैर इरादतन अपराध की श्रेणी में होगा और दोषी पाए जाने पर पांच साल तक कैद की सजा हो सकती है। वहीं अगर कोई रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिक्शनर द्वारा लापरवाही से किसी मरीज की मौत हो तो उस मामले में उसे अधिकतम दो साल कैद की सजा हो सकती है। मौजूदा आईपीसी की धारा-304 ए में प्रावधान है कि लापरवाही से मौत के मामले में ड्राइवर को अधिकतम दो साल कैद की सजा हो सकती है। वहीं भारतीय न्याय संहिता की धारा-106 (2) में प्रावधान है कि अगर लापरवाही से मौत के बाद ड्राइवर मौके से भाग जाता है और वह बिना पुलिस व मैजिस्ट्रेट को बताए मौके से फरार होता है तो दोषी पाए जाने पर उसे 10 साल तक कैद और जुर्माने की सजा होगी।
पुराने औपनिवेशिक काल के कई शब्दावली को हटा दिया गया है। ऐसे करीब 475 शब्दों को डिलीट किया गया है जिनमें लंदन गजट, ज्यूरी, हर हैनिस आदि शामिल हैं। भारतीय न्याय संहिता में कुल 358 धाराएं हैं और उसमें 20 नए अपराध को परिभाषित किया गया है। साथ ही 33 अपराधों में सजा को बढ़ाया गया है। साथ ही 83 ऐेसी धाराएं या अपराध हैं जिनमें जुर्माने की राशि भी बढ़ा दी गई है। ऐसे 23 अपराध हैं जिनमें न्यूनतम सजा का जिक्र नहीं था जिसें न्यूनतम सजा को शुरू किया गया है। 19 धाराएं ऐसी हैं जिन्हें हटा दिया गया है। साथ ही सजा के तौर पर सामाजिक व समुदायिक सेवा को भी रखा गया है। पहले यह नहीं था। राजद्रोह जैसे अपराध को अब नए कानून में हटा दिया गया।
सीआरपीसी में पहले कुल 484 धाराएं थीं लेकिन वहीं भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में 531 धाराएं हैं। 9 नई धाराएं व कुल 39 उपधाराएं जोड़ी गई हैं। और 14 धाराओं को निरस्त कर दिया गया है। कुल 177 ऐसे प्रावधान हैं जिसमें संशोधन हुआ है। बीएनएसएस, 2023 में सबूतों के मामले में ऑडियो-विडियो इलेक्ट्रॉनिक्स तरीके से जुटाए जाने वाले सबूतों को प्रमुखता दी गई है। नए कानून में किसी भी अपराध के लिए जेल में अधिकतम सजा काट चुके कैदियों को उसके निजी बांड पर रिहा करने का प्रावधान रखा गया है। वहीं भारतीय साक्ष्य अधिनियम में कुल 170 धाराएं होंगी । पहले के इंडियन एविडेंस एक्ट के तहत कुल 167 धाराएं थी। 6 धाराओं को निरस्त किया गया है और 2 नई धाराएं व 6 उप धाराओं को जोड़ा गया है।
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